Parenting Tips: आज के समय में पेरेंट्स अपने बच्चों को अक्सर उनके नंबरों और रैंक से आंकते हैं. वे चाहते हैं कि बच्चा अच्छे नंबर लाए और टॉपर बने. लेकिन वह भूल रहे हैं कि इस दबाव से उनका मानसिक और भावनात्मक विकास प्रभावित हो सकता है? बच्चों की काबिलियत को सिर्फ मार्क्स और रैंक से मापना गलत है. असल में, बच्चों को सिखाना चाहिए कि सफलता सिर्फ अंकों से नहीं, बल्कि उनके प्रयासों, समझ और सकारात्मक दृष्टिकोण से आती है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे महत्वपूर्ण पेरेंटिंग टिप्स बतांएगे जिनसे आप अपने बच्चे को बिना नंबरों के दबाव के सही दिशा में बढ़ने में मदद कर सकते हैं.
नंबर ही सब कुछ नहीं होते
पेरेंट्स अक्सर बच्चों की काबिलियत को सिर्फ उनके नंबरों से मापते हैं. लेकिन असली सफलता इस बात में है कि बच्चा किस तरह की सोच और समझ विकसित कर रहा है. नंबर सिर्फ एक हिसाब है, लेकिन जीवन में सच्ची सफलता उनके आत्मविश्वास और सोच से आती है.
बच्चों के कॉन्फिडेंस को कम न करें
अगर आप हमेशा बच्चे से नंबर की उम्मीद करेंगे, तो उसका कॉन्फिडेंस कम हो सकता है. बच्चों को यह महसूस कराना जरूरी है कि वो अपने काम में अच्छे हैं, चाहे रिजल्ट जैसा भी हो.
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हर बच्चा अलग होता है
पेरेंट्स को यह समझना चाहिए की हर बच्चे की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं. कुछ बच्चे पढ़ाई में अच्छे होते हैं, तो कुछ अन्य क्षेत्रों में. उन्हें सिर्फ रैंक और नंबर से आंकना गलत है, क्योंकि ये बच्चे के अन्य गुणों को नजरअंदाज करता है.
रिजल्ट के बाद बात जरूर करें
जब बच्चा किसी एग्जाम में अच्छा या बुरा करता है, तो उसे समझने की जरूरत होती है. रिजल्ट आने के बाद बच्चे से उसकी मेहनत, संघर्ष और सीख पर बात करें, ना कि सिर्फ नंबरों पर.
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