विनय कुमार/ Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले के लोग हर महीने करीब एक सौ करोड़ की दवाएं खा रहे हैं. पिछले एक साल में यहां दवाओं की खपत में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. शहर के करीब एक दर्जन स्टॉकिस्ट और 25 से अधिक होलसेलर का दवा करोबार काफी ग्रोथ पर है. यहां से दवाओं की सप्लाई जिले के आसपास के क्षेत्रों में भी होती है. दवाओं की खपत का मुख्य कारण विभिन्न तरह की बीमारियां हैं. दवा विक्रेता रंधीर कुमार ने बताया कि फैटी लीवर और विटामिन की कमी से संबंधित दवाओं की मांग में तेजी आयी है, वर्तमान में मुजफ्फरपुर में हर महीने लगभग एक करोड़ रुपये की लीवर संबंधी दवाएं बिक रही हैं. इन दवाओं में खासकर यूरोडॉक्सलिक एसिड कंपोजीशन की दवाएं शामिल हैं, जिनकी कीमत 15 टैबलेट के लिए लगभग 800 रुपये होती है. कोरोना के बाद से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिये नियमित रूप से पैथोलॉजिकल जांच करा कर कई तरह की विटामिन की दवाएं खरीद रहे हैं. इससे भी दवाओं की खपत बढ़ी है.
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग दवाओं की बिक्री अधिक
जिले में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय, दमा और चर्म रोग की दवाओं की बिक्री सबसे अधिक होती है. यह दवाएं मरीजों को नियमित रूप से खानी पड़ती है, इसलिये इसकी बिक्री सबसे अधिक है. इन दवाओं की बिक्री में कोरोना के बाद से इजाफा हुआ है. दवा विक्रेता अमर कुमार ने बताया कि पहले मरीज दवाएं अनियमित रूप से लेते थे, लेकिन कोरोना के बाद से मरीज दवाएं नहीं छोड़ रहे हैं. वह नियमित रूप से दवाएं ले रहे हैं. इससे इन दवाओं का बाजार सबसे अधिक है. इसके अलावा एलर्जी और जांडिस, टायफायड की दवाओं की भी बिक्री भी अच्छी हो रही है.
दवा कारोबार में ग्रोथ
खान-पान में बदलाव, बदलती जीवन शैली और शहर की आबोहवा के कारण विभिन्न रोगों से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. इस कारण दवाओं का बाजार काफी ग्रोथ पर है ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि दवाओं की बिक्री में हर साल करीब 15 फीसदी का ग्रोथ है. आबादी के साथ मरीजों की संख्या बढ़ने से दवाओं का कारोबार पहले से बेहतर हो गया है. मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों में हर महीने करीब 100 करोड़ की दवाओं की बिक्री होती है.