मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पंचायतों में लगाए जा रहे सोलर लाइट की गुणवत्ता अब सवालों के घेरे में है. अधिकांश जिलों से सोलर लाइट के जल्द खराब होने की शिकायतों के बाद ब्रेडा के निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को पत्र लिखकर गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए हैं. पत्र में कहा गया है कि सोलर लाइट की गुणवत्ता की जांच अब प्रयोगशाला में की जाएगी. इसके लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों को अपने-अपने जिले से सोलर लाइट का चयन कर जांच के लिए भेजने का अनुरोध किया गया है. विभाग ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यह कदम उठाया है.गौरतलब है कि सोलर लाइट लगाने के बाद कई जिलों से मुख्यालय तक इनके शीघ्र खराब होने की शिकायतें पहुंच रही थीं. इसी को देखते हुए विभाग ने संज्ञान लिया और गुणवत्ता की पड़ताल करने का जिम्मा ब्रेडा को सौंपा है. अब सभी जिलों से सोलर लाइट का चयन कर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा. प्रयोगशाला की रिपोर्ट में खराब गुणवत्ता वाली लाइटें पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि एक सोलर लाइट लगाने के लिए एजेंसी को 17 हजार पांच सौ रुपये का भुगतान किया जाता है. वर्तमान में जिले में पांच एजेंसियां कार्यरत हैं. विभागीय निर्देशानुसार, सोलर लाइट खराब होने पर यदि उसे ठीक नहीं किया जाता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से 10-10 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा.हाल ही में, जिला पंचायती राज पदाधिकारी नवीन कुमार ने एक एजेंसी पर करीब 90 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. उन्होंने बताया कि उन्हें ब्रेडा के निदेशक का पत्र प्राप्त हो गया है, लाइटों को चिह्नित कर जांच के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कदम से पंचायतों में लगाई जा रही सोलर लाइट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
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