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सावधान! झारखंड में यहां प्यास बुझाने उतरा है बाघ, भूलकर भी नहीं जाएं जंगल

जमशेदपुर/पटमदा-पटमदा के गोबरघुसी और अपो गांव के बीच सबरन कोचा जंगल के फॉरेस्ट चेकडैम में शनिवार सुबह 7:30 बजे एक बाघ को पानी पीने के लिए उतरते देखा गया. इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गयी है. घटना की जानकारी मिलने पर गांव के पूर्व मुखिया और ग्राम प्रधान खगेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि अपो के जय सिंह और किरण सिंह सुबह मुंह धोने के लिए तालाब के पास गये थे, तभी उन्होंने बाघ को गुजरते देखा और तुरंत गांव को सूचित किया. इसके आधा घंटा बाद, प्राण सिंह नामक एक ग्रामीण सूखी लकड़ी और पत्ते लाने के लिए सबरन कोचा जंगल में गया, जहां उसने बाघ को पानी पीते देखा. इस पर वह डर के मारे चिल्लाते हुए गांव की ओर भागा.

घटनास्थल से मिले बाघ के पंजे के निशान

ग्राम प्रधान ने इस घटना की सूचना वन विभाग के प्रभारी वनपाल जितेंद्र मुर्मू को दी. वनपाल ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर बाघ के पंजे के निशान पाये. हालांकि, बाघ का पता शाम 5 बजे तक नहीं चल सका. वन अधिकारी जितेंद्र मुर्मू ने बताया कि यह बाघ ‘सम्राट’ के नाम से जाना जाता है और यह दलमा क्षेत्र से आकर इस इलाके में विचरण कर रहा था.

गोधुली बेला, रात और अहले सुबह जंगल जाने से बचें: डीएफओ

डीएफओ सबा आलम अंसारी ने भी ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि गोधुली बेला, रात और अहले सुबह के समय जंगल में अकेले न जाएं ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके. वन विभाग ने बाघ के बारे में जानकारी साझा की और ग्रामीणों को सचेत किया कि बाघ जंगल में पानी पीने के लिए स्वाभाविक रूप से आता है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें सावधान रहना होगा.

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