• Fri. Apr 18th, 2025

बाबा पीठ कर्णपुर कालीधाम में सहस्त्र चंडी महायज्ञ शुरू

सुपौल. नवरात्र के पावन अवसर पर बाबा पीठ कर्णपुर कालीधाम में दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण सहस्त्र चंडी महायज्ञ का शुभारंभ रविवार को किया गया. इस महायज्ञ का उद्देश्य श्रद्धालुओं के कल्याण, सकारात्मक ऊर्जा के संचार और पर्यावरण शुद्धि के साथ-साथ समाज में सद्भाव और शांति की स्थापना करना है. यह अनुष्ठान संपूर्ण नवरात्रि तक अनवरत रूप से जारी रहेगा. गुरुदेव शिवाचार्य पंडित जीवेश्वर मिश्र के सान्निध्य में संचालित इस यज्ञ में 51 विद्वान आचार्यों और पंडितों द्वारा शक्ति साधना, वेद-मंत्रों का जाप, आहुति एवं देवी महात्म्य का पाठ किया जा रहा है. नित्य दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं हवन किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं. मुख्य यजमान ने की पूजा-अर्चना महायज्ञ के प्रथम दिन मुख्य यजमान के रूप में प्राणेश्वर मिश्र ने विधिवत पूजन-अर्चन किया. इसके पश्चात शिवाचार्य पंडित जीवेश्वर मिश्र ने ऋग्वेद के एक श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि अग्ने यज्ञस्य होतारं विश्वतोमुखम्, सत्यं तं त्वामहं वन्दे विश्वे देवाः सशक्तिकाः. उन्होंने कहा कि यज्ञ के माध्यम से समस्त देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है, जिससे संपूर्ण सृष्टि में संतुलन एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. हवन के दौरान उत्पन्न औषधीय धुएं से वातावरण शुद्ध होता है, जिससे रोगाणु नष्ट होते हैं और पर्यावरण संतुलन बना रहता है. शिवाचार्य पंडित जीवेश्वर मिश्र ने कहा कि सहस्त्र चंडी महायज्ञ से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, ग्रह दोषों का निवारण होता है तथा समाज में समृद्धि और आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है. मंत्रों के जाप एवं यज्ञीय आहुतियां मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली होती हैं. शास्त्रों में वर्णित है कि सहस्त्र चंडी महायज्ञ के प्रभाव से देवी भगवती प्रसन्न होती हैं और साधकों को अभय प्रदान करती हैं. देवी भागवत कथा का आयोजन महायज्ञ के अंतर्गत देवी भागवत कथा का भी आयोजन किया जा रहा है. कथा व्यासश्री शुकदेवानंद नाथ ने देवी भागवत का पूजन एवं आरती के पश्चात श्रद्धालुओं को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि यह यज्ञ भक्तों के लिए एक जीवनदायिनी साधना है, जिससे धर्म, भक्ति, शक्ति और साधना की उच्चतम ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस दिव्य अनुष्ठान में नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री का विशेष पूजन किया गया. इस महायज्ञ में प्रमुख रूप से आचार्य चंदन झा, पंडित मणिरमण, पंडित वैद्यनाथ झा, पंडित मनोज मिश्रा, पंडित वीरेंद्र मिश्रा, पंडित विपिन झा सहित 51 विद्वान आचार्य एवं पंडित उपस्थित हैं.

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