JMM Attacks Nishikant Dubey| कांग्रेस के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉ निशिकांत दुबे पर हमला बोाल है. झामुमो ने गोड्डा के सांसद को बर्खास्त करने की मां भाजपा से कर दी है. न्यायपालिका पर दिये गये भाजपा सांसद के बयान को झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो ने लोकतंत्र विरोधी करार दिया है. झामुमो केंद्रीय समिति के सदस्य और वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि भाजपा देश में मनुस्मृति लागू करना चाहती है. उन्होंने कहा कि भाजपा को देश के संवैधानिक ढांचे पर विश्वास ही नहीं है.
‘निशिकांत दुबे के बयान पर भाजपा नेताओं ने क्यों साध रखी है चुप्पी’
झामुमो के वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय ने कहा है कि चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर कब्जा किया जा चुका है. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर भी इन्हें आपत्ति है. आखिर भाजपा इस देश को कहां ले जाना चाहती है? भाजपा के नेताओं ने निशिकांत दुबे के बयान पर चुप्पी क्यों साध रखी है? बात-बात पर बयान जारी करने वाले बाबूलाल मरांडी इस पर स्थिति क्यों स्पष्ट नहीं करते?
न्यायपालिका पर है देश के लोगों का अटूट भरोसा – विनोद पांडेय
विनोद पांडेय ने कहा कि न्यायपालिका पर देश के गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों का अटूट भरोसा है. भाजपा अब अपने नेताओं के जरिये न्यायपालिका पर हमले करा रही है. अब ये लोग न्यायपालिका पर दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के सांसद पहले भी संताल परगना को झारखंड से अलग करने की बातें कई बार कर चुके हैं. इनकी सोच विभाजनकारी है.
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‘भाजपा को न्यायपालिका पर विश्वास है, तो निशिकांत को बर्खास्त करे’
झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा नेताओं को अगर न्यायपालिका पर विश्वास है, तो निशिकांत दुबे को अबिलंव बर्खास्त कर देना चाहिए. ऐसे नेताओं की सोच देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है. झामुमो ने भाजपा सांसद के बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि न्यायपालिका समेत अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे की भाजपाई मनोवृत्ति को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी.
सुप्रीम कोर्ट को सांसद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए – झामुमो
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा देश में हिंदू-मुस्लिम का आरोप लगाकर नफरत पैदा करने के प्रयास में है. ये देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को समाप्त करना चाहते हैं. इनकी मंशा कभी सफल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे अपने मन से ऐसा नहीं बोल रहे हैं. इसके पीछे भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी सोच है. इनका स्वतंत्रता संग्राम से कोई लेना-देना नहीं था. ये राष्ट्रीय ध्वज को भी अंगीकार नहीं करते. सुप्रीम कोर्ट को भी सांसद के बयान पर संज्ञान लेकर इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करना चाहिए.
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