सूत्रों के अनुसार, ’88’ कंट्रोल रूम जैश-ए-मोहम्मद का नया ऑपरेशनल सेंटर था. यह सिर्फ एक इमारत नहीं थी, बल्कि एक कमांड और कंट्रोल हब था, जहां से आतंकियों की मूवमेंट, लॉन्चिंग टाइम और इंटेल नेटवर्क को मॉनिटर किया जाता था. आतंकियों को पाक के मुज्जफराबाद के ट्रांजिट कैम्प सवाई नाला तक पाक आर्मी की मदद से घुसपैठ के लिए जाता था.